एएनएम न्यूज, ब्यूरो: एक हाथ न होने के कारण शारीरिक प्रतिरोध भी उसे रोक नहीं सका। बल्कि वह भारत के सर्वकालिक महान 'जैवलिन थ्रो' खिलाड़ी बन गए हैं। ये हैं देवेन्द्र झाझरिय।
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उन्होंने पैरालिंपिक में दो स्वर्ण पदक जीते। और पैरालिंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरालिंपियन बने। उन्होंने 2004 ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक में भाला फेंक में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।
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उन्होंने 2016 ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक में अपने पिछले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया और उसी स्पर्धा में दूसरा स्वर्ण पदक जीता। इस खिलाड़ी की सफलता और आगे बढ़ने की प्रेरणा पूरे भारत को उनका प्रशंसक बना देगी।