एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हम अपने शहीद भाइयों को इस तरह याद करते हैं, 'आमार भाईएर रक्ते रंगानो एकुशे फरवरी।' हर साल 21 फरवरी की सुबह की शुरुआत इसी गाने से होती है क्योंकि वह दिन बंगाली भाषा का ख़ास दिन है, बंगाली भाषा को जीवित रखने के संघर्ष का दिन है।
इस साल 11 फरवरी के मौके पर बीरभूम के रामपुरहाट के एक कलाकार ने बंगाली भाषा को जिंदा रखने के लिए एक गाना लिखा है। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर "एकुशेर जयगान" नामक एक बंगाली गाना रिलीज़ होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह गाना उन्होंने 11 फरवरी के सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए लिखा है। तो इस साल शहीद दिवस पर एक नया गीत श्रद्धांजलि शहीदों को समर्पित किया जा रहा है।