स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: जैसे-जैसे कर्नाटक में चुनाव (Karnata Election 2023)अपने चरम पर पहुंच रहा है, वैसे-वैसे साम्प्रदायिक बयानबाजी स्पष्ट रूप से थम गई है। तीनों प्रमुख पार्टियां- बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस जाति समूहों तक पहुंचने के अलावा विकास और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। हिजाब, अजान और हलाल जैसे ध्रुवीकरण वाले विषय पीछे छूट गए हैं। 10 मई को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं। हिजाब, हलाल, जिहाद जैसे मुद्दे चुनाव में उठने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। बीजेपी इन सबसे हटकर अब अलग लाइन पर चल रही है।
बीजेपी कर्नाटक महासचिव ने कहा, 'हिजाब और हलाल जैसे मुद्दों पर सार्वजनिक चर्चा कुछ वर्गों की चिंताओं के लिए एक सामाजिक प्रतिक्रिया थी। जागरूकता फैलाने की एक सामाजिक प्रक्रिया के माध्यम से इसे संबोधित किया जाना चाहिए। विधानसभा चुनाव पूरी तरह से अलग मुद्दों पर लड़े जा रहे हैं।'