एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : कलकत्ता उच्च न्यायालय (Kolkata high court) द्वारा कोलकाता स्थित एक स्कूल की जांच के लिए डिप्टी सॉलिसिटर जनरल बिलवाडल भट्टाचार्य को नियुक्त किया गया था। सूत्रों क्र मुताबिक कोलकाता स्थित सेंट ऑगस्टीन डे स्कूल के 10वीं कक्षा के कुछ छात्रों के माता-पिता ने स्कूल अधिकारियों पर सीआईएससीई (CISCE) संबद्धता खोने के तथ्य को छिपाने का आरोप लगाया था, जिससे 237 छात्रों के लिए अनिश्चितता पैदा हो गई थी। माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक वर्गों में जिन्हें 2024 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच के लिए बिलवाडल भट्टाचार्य को नियुक्त किया था। उन्होंने स्कूल अधिकारियों पर उन्हें रिश्वत की पेशकश करने का आरोप लगाया है।
गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु की एकल-न्यायाधीश पीठ को भट्टाचार्य ने इस रिश्वतखोरी के प्रयास के बारे में सूचित किया और जस्टिस बसु इन आरोपों से नाराज हो गए। जस्टिस बसु ने पहले छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने और फिर रिश्वत (Bribe) देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करने के लिए स्कूल अधिकारियों को फटकार लगाई। न्यायमूर्ति बसु ने सभी संबंधित पक्षों को ठोस सुझावों के साथ आगे आने की सलाह दी ताकि छात्रों का एक साल बर्बाद न हो और वे बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो सकें। मामले में अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को फिर तय की गई है।
इधर स्कूल अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने भी अपने मुवक्किल की कार्रवाई के खिलाफ प्रतिक्रिया व्यक्त की और यह दावा करते हुए मामले से हट गए कि वह ऐसे भ्रष्ट व्यक्तियों के लिए कभी भी जानबूझकर ब्रीफ नहीं कर सकते।