एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : शुक्रवार को (KMC) मेयर फिरहाद हकीम ने कोलकाता हाई कोर्ट (Kolkata high court) के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) की एक टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें मानिकतला इलाके में एक अवैध इमारत को ध्वस्त करने के लिए 'योगीराज' से बुलडोजर लाने की टिप्पणी की गई थी।
सूत्रों के मुताबिक हकीम ने कहा कि किसी विशेष राज्य में शासन की शैली के विपरीत, जब नागरिकों को न्याय देने की बात आती है तो बंगाल (West Bengal) की संस्कृति उन्हें विनाशकारी नीति अपनाने की अनुमति नहीं देती है। साथ ही मेयर फिरहाद हकीम (Mayor Firhad Hakim) ने कहा कि “हम अवैध इमारतों को ढहने से नहीं छोड़ते। लेकिन हम क्रूर शक्ति का प्रदर्शन करके नागरिकों को नहीं डराते। यही अंतर है।'' हकीम के मुताबिक, जब अवैध इमारतों को गिराने की बात आती है तो केएमसी लोकतांत्रिक तरीके से काम करती है। “हम सबसे पहले किसी निर्माणाधीन इमारत के डेवलपर या मालिक को नोटिस जारी करते हैं, और उसे निर्माण बंद करने के लिए कहते हैं। फिर हम ऐसे निर्माण की सुनवाई की व्यवस्था करते हैं। अगर सुनवाई अधिकारी विध्वंस के पक्ष में अपनी राय देता है, तो हम अनधिकृत ढांचे को गिराने में अनावश्यक देरी नहीं करते हैं।”
kolkata high court के न्यायमूर्ति की टिप्पणी पर KMC मेयर की कड़ी प्रतिक्रिया
मेयर फिरहाद हकीम ने न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एक टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें मानिकतला इलाके में एक अवैध इमारत को ध्वस्त करने के लिए 'योगीराज' से बुलडोजर लाने की टिप्पणी की गई थी।
एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : शुक्रवार को (KMC) मेयर फिरहाद हकीम ने कोलकाता हाई कोर्ट (Kolkata high court) के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय (Justice Abhijit Gangopadhyay) की एक टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें मानिकतला इलाके में एक अवैध इमारत को ध्वस्त करने के लिए 'योगीराज' से बुलडोजर लाने की टिप्पणी की गई थी।
सूत्रों के मुताबिक हकीम ने कहा कि किसी विशेष राज्य में शासन की शैली के विपरीत, जब नागरिकों को न्याय देने की बात आती है तो बंगाल (West Bengal) की संस्कृति उन्हें विनाशकारी नीति अपनाने की अनुमति नहीं देती है। साथ ही मेयर फिरहाद हकीम (Mayor Firhad Hakim) ने कहा कि “हम अवैध इमारतों को ढहने से नहीं छोड़ते। लेकिन हम क्रूर शक्ति का प्रदर्शन करके नागरिकों को नहीं डराते। यही अंतर है।'' हकीम के मुताबिक, जब अवैध इमारतों को गिराने की बात आती है तो केएमसी लोकतांत्रिक तरीके से काम करती है। “हम सबसे पहले किसी निर्माणाधीन इमारत के डेवलपर या मालिक को नोटिस जारी करते हैं, और उसे निर्माण बंद करने के लिए कहते हैं। फिर हम ऐसे निर्माण की सुनवाई की व्यवस्था करते हैं। अगर सुनवाई अधिकारी विध्वंस के पक्ष में अपनी राय देता है, तो हम अनधिकृत ढांचे को गिराने में अनावश्यक देरी नहीं करते हैं।”