एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: 'व्यर्थ जीवन का कचरा जलाओ, आग जलाओ...' आज भी यही मंत्र है। और इसी मंत्र के साथ दीक्षित ने अपने जीवन में जलती हुई ज्योति जलाई और आज फिर चल पड़े। आज मेडिकल समुदाय समेत नागरिक समाज मशाल जुलूस में शामिल हो रहा है और आम लोग भी उसके साथ हैं। कल सुप्रीम कोर्ट फिर से आरजी कर मामले की सुनवाई करेगा। पहले यह सुनवाई 27 सितंबर को होनी थी, लेकिन उस तारीख को 30 सितंबर के लिए टाल दिया गया। और कल इसकी सुनवाई है। स्वाभाविक रूप से सभी को कल की सुनवाई का इंतजार है।
इस बीच सुनवाई से एक दिन पहले जूनियर डॉक्टर फिर सड़क पर उतर आए। आज कोलकाता समेत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर मशाल जुलूस में शामिल हुए। सिविल सोसाइटी और आम लोग भी उनके साथ शामिल हुए। लेकिन इस बार नारा सिर्फ़ 'हमें न्याय चाहिए' नहीं है, विरोध के कई और नारे भी हैं।
कोई कह रहा है, "न्याय तो देना ही पड़ेगा, नहीं तो गद्दा छोड़ना पड़ेगा"। कोई कह रहा है, "एक लाख आवाज़ें एक हो गई हैं, 14 मंज़िलें डरी हुई हैं"। दूसरे शब्दों में कहें तो जूनियर डॉक्टरों ने जो कहा था, अगर उनकी सभी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और तेज़ होगा और और भी ज़्यादा उग्र होगा। और आज सैकड़ों मशालों की लौ उस दावे को सच साबित करती है।