स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन और पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के बीच चल रहा टकराव खुलकर सामने आ गया है। श्रीश चक्रवर्ती के वीडियो संदेश में बताया गया है कि पीड़ित के लिए एकत्र किए गए 4.75 करोड़ रुपये पीड़ित के माता-पिता के पास क्यों नहीं जमा किए जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इस पैसे की उन्हें जरूरत हो सकती है और वे चाहें तो इसे स्वयंसेवी संगठनों को दान भी कर सकते हैं।
इसके अलावा श्रीश के बयान से पता चला है कि पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के खिलाफ पैसे निकालने में पारदर्शिता की कमी थी। इससे पहले जूनियर डॉक्टरों के बीच 'धमकी संस्कृति' और 'आतंक संस्कृति' के आरोप लगे थे, जहां कुछ डॉक्टरों ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इस विवाद ने नए संगठन के सदस्यों के बीच दरार पैदा कर दी है, जिससे चिकित्सकों में और भी मतभेद हो सकता है। अब श्रीश के दावे के बाद पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के प्रवक्ता अनिकेत महतो और किंजल नंदा की प्रतिक्रिया आने की उम्मीद है। यह स्थिति जूनियर डॉक्टरों के बीच अशांति और संगठनों के बीच संघर्ष पैदा कर सकती है, जिसका असर चिकित्सा प्रणाली पर पड़ सकता है।