एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : क्या कश्मीरी छात्रों को स्कूल में कट्टरपंथी बनाया जा रहा है? कुछ प्रमुख कश्मीरी शिक्षाविदों के अनुसार, ग्रामीण कश्मीर के स्कूलों में अनिवार्य इस्लामी अध्ययन को बढ़ावा दिया जा रहा है। शिक्षाविदों ने कहा कि ग्रामीण कश्मीर के इन स्कूलों में अधिकांश शिक्षक जमात-ए-इस्लामी के समर्थक और कार्यकर्ता हैं। एक अन्य उदाहरण देते हुए, शिक्षाविदों ने उल्लेख किया कि श्रीनगर में एक स्कूल है जहाँ इस्लामी साहित्य के साथ-साथ पाँचवीं कक्षा तक अरबी अध्ययन अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षाविद ने कहा, "स्कूल में छात्र और छात्राओं के लिए सख्त इस्लामी नियमों और विनियमों का पालन किया जाता है।"
सरकार द्वारा अग्रणी स्कूलों को फीस बढ़ाने की अनुमति देने से इनकार करने के बाद कई शिक्षाविदों ने नाराजगी जताई है। एएनएम न्यूज़ से फ़ोन पर बात करते हुए, दिल्ली पब्लिक स्कूल, श्रीनगर के चेयरमैन विजय धर ने उल्लेख किया कि उन्होंने पिछले सात वर्षों में स्कूल की फीस नहीं बढ़ाई है। डीपीएस, श्रीनगर शिक्षा के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानक का पालन करता है और परिसर के अंदर धार्मिक हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है।
उन्होंने कहा, ''जब भी हम फीस बढ़ाने के लिए सरकार से मंजूरी मांगते हैं, अधिकारी मना कर देते हैं और इसलिए हम अभी भी पुरानी फीस पर ही अटके हुए हैं।'' धर ने दावा किया कि उन्होंने श्रीनगर और दिल्ली में सर्वोच्च अधिकारियों के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘लागत बढ़ गई है और एक जिम्मेदार संस्थान चलाना मुश्किल ही नहीं बल्कि असंभव है।’’