एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी राज्य बार काउंसिलों को अपने रोल पर सभी अधिवक्ताओं की एक व्यापक सत्यापन प्रक्रिया को प्राथमिकता देने और पूरा करने का निर्देश दिया है। फर्जी या धोखाधड़ी वाले नामांकन के किसी भी मामले को अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 26(1) के तहत तुरंत बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा जाना चाहिए। इस वैधानिक आदेश का अनुपालन न करने को कर्तव्य की उपेक्षा माना जाएगा, जिससे उचित कानूनी परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
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बीसीआई द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ की रिपोर्ट पर संज्ञान लेने के बाद यह कार्रवाई की गई, जिसमें फर्जी कानून डिग्री के 13 मामलों की पहचान की गई थी।