एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : समाज सुधारक और मराठी कवियित्री स्वर्गीय सावित्री बाई फुले की 10 मार्च को पुण्यतिथि मनाई जाती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया। सीएम साय ने कहा है कि श्रीमती फुले ने दलितों की सेवा, महिलाओं के सशक्तिकरण और शिक्षा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दी थी। सावित्री बाई फुले ने न सिर्फ खुद पढ़ाई की, बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए भी शिक्षा के दरवाजे खोले और उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमती फुले के द्वारा जनचेतना के लिए किये गए कार्य हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र राज्य के सतना जिले के नायगांव में हुआ था। उस दौर में दलितों के साथ भेदभाव होता था। दलितों को शिक्षा का अधिकार नहीं था। खासकर महिलाओं को पढ़ाई की बिल्कुल अनुमति नहीं थी। लेकिन सावित्रीबाई फुले न केवल खुद शिक्षित हुईं, बल्कि अपनी जैसी कई महिलाओं के लिए शिक्षा का मार्ग खोला। सावित्रीबाई फुले ने साल 1848 में महाराष्ट्र के पुणे में देश का पहला बालिका स्कूल स्थापित किया। एक-एक कर सावित्रीबाई फुले ने बालिकाओं के लिए 18 स्कूलों का निर्माण कराया। शिक्षा को लेकर उनके प्रयासों के कारण सावित्रीबाई फुले को देश की पहली महिला शिक्षक माना जाता है। सावित्रीबाई फुले देश के पहले बालिका स्कूल की प्रधानाचार्या भी रहीं। 10 मार्च 1897 में सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया।