स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: मालूम हो कि पूर्वोत्तर भारत में विभिन्न विद्रोही समूहों की हिंसा को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अहम कदम उठाया है। सूत्रों के मुताबिक, एनएलएफटी या नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और एटीटीएफ या ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स अपनी मांगों को लेकर त्रिपुरा में लंबे समय से सरकार के साथ टकराव में हैं। इस संबंध में बुधवार यानी आज दोनों विद्रोही समूहों ने नई दिल्ली में भारत सरकार और त्रिपुरा सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसे उत्तर पूर्व भारत में संघर्ष को सुलझाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।
खबर है कि इस समझौते पर आज नई दिल्ली में गृह मंत्रालय में हस्ताक्षर किए गए। समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी मौजूद थे। इस समझौते से एक ओर जहां कानून-व्यवस्था में सुधार होने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर राज्य के विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा। साथ ही विद्रोहियों के भी समाज की मुख्यधारा में लौटने की उम्मीद है।
#WATCH | Delhi: After the signing of the Memorandum of Settlement, between Govt of India, Govt of Tripura, NLFT and ATTF, HM Amit Shah says, "...This is a matter of joy for all of us that after the struggle that was ongoing for 35 years, you have given up weapons and joined the… pic.twitter.com/HN4a5qaQXv
— ANI (@ANI) September 4, 2024
अमित शाह ने समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद दोनों विद्रोही समूहों के नेताओं से कहा, "35 वर्षों के संघर्ष के बाद, आपने हथियार डाल दिए हैं और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं और पूरे त्रिपुरा के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।"
#WATCH | Delhi: After the signing of the Memorandum of Settlement, between Govt of India, Govt of Tripura, NLFT and ATTF, HM Amit Shah says, "This agreement is the 12th for the northeast and 3rd related to Tripura. So far around 10,000 insurgents have surrendered, given up… pic.twitter.com/vVncMVtVbs
— ANI (@ANI) September 4, 2024
अमित शाह ने आगे कहा, ''इस समझौते पर हस्ताक्षर करके त्रिपुरा ने शांति और समृद्धि की दिशा में एक और कदम उठाया है। यह पूर्वोत्तर भारत में बारहवां और त्रिपुरा में तीसरा समझौता है। अब तक लगभग 10,000 विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया है, हथियार डाले हैं और समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। आज, एनएलएफटी और एटीटीएफ के आत्मसमर्पण और इस समझौते के साथ 328 से अधिक सशस्त्र कैडर समाज की मुख्यधारा में शामिल होंगे।”