Odisha Train Hadsa: क्‍या यह हादसा रेल सिस्टम की खराबी है?

जोशी ने कहा, 'नहीं तो ड्राइवर को ब्रेक लगाने, डिस्‍ट्रेस सिग्नल (distress signal) भेजने के लिए लाइट फ्लैश (light flash) करने का वक्त मिल जाता। मिनटों या सेकेंडों का अंतर दूसरी ट्रेन को बचा लेता।

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Sneha Singh
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: जोशी ने कहा कि रेल सिस्टम (rail system) ऐसा है कि अगर दो ट्रेनें टाइम पर हैं तो वे एक-दूसरे को फुल स्पीड में क्रॉस करती हैं। उन्होंने कहा कि यह संयोग ही था कि रिले इंटरलॉकिंग सिस्‍टम (interlocking system) फेल होने के बाद यात्रियों से खचाखच भरी दो ट्रेनों एक-दूसरे के पास से गुजरने वाली थीं। जोशी ने कहा, 'नहीं तो ड्राइवर को ब्रेक लगाने, डिस्‍ट्रेस सिग्नल (distress signal) भेजने के लिए लाइट फ्लैश (light flash)  करने का वक्त मिल जाता। मिनटों या सेकेंडों का अंतर दूसरी ट्रेन को बचा लेता। या अगर मालगाड़ी का ड्राइवर अलर्ट (driver alert) होता, उसे अपने लोको से फ्लैशर लाइट जलाने का वक्त मिल जाता तो हादसे की भयावहता को कम किया जा सकता था।'