स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : आरबीआई ने गुरुवार को जारी अपने मसौदा मास्टर निर्देशों में प्रस्ताव दिया है कि ऋणदाताओं को किसी खाते के गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) में बदलने के छह महीने के भीतर डिफॉल्ट करने वाले उधारकर्ताओं को 'जानबूझकर डिफॉल्टर' के रूप में लेबल करना चाहिए। आरबीआई 'जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों' की पहचान उन लोगों के रूप में करता है, जो बैंक का बकाया चुकाने की क्षमता रखते हैं, लेकिन बैंक का पैसा नहीं चुकाते या उसका अन्यत्र उपयोग नहीं करते। आरबीआई के पास पहले कोई विशिष्ट समय-सीमा नहीं थी, जिसके भीतर ऐसे उधारकर्ताओं की पहचान की जानी थी।