स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : केंद्र सरकार (Central Government) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (National Food Security Act) और रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी स्कीमों का मूल्यांकन कर सकती है। इसके जरिए सरकार अपने खर्च को कंट्रोल करना चाहती है। इससे यह भी तय हो सकेगा कि सही लाभार्थी को सब्सिडी का लाभ मिल रहा है या नहीं। बता दें कि इन दोनों योजनाओं की वजह से सरकारी खजाने पर प्रति वर्ष लगभग 4,00,000 करोड़ रुपये का बोझ आता है।
मीडिया के अनुसार, नीति आयोग के डेवलपमेंट मॉनेटरिंग और इवैल्यूएशन ऑफिस ने दो स्कीम्स के इवैल्यूएशन के लिए एक केंद्रीय समन्वय एजेंसी के प्रपोजल मंगाए हैं। इस प्रपोजल में DMEO ने कहा है कि सरकार 2013 में अधिनियमित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के जरिए दुनिया में सबसे बड़े सार्वजनिक खाद्य और पोषण सुरक्षा को लागू करती है। सरकार की ओर से बड़े खर्च के बावजूद भारत में खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी परिणामों में प्रगति धीमी रही है।