निजी वाहनों पर ‘एडवोकेट स्टिकर’ होने के बावजूद भी अब पुलिस कर सकेगी कार्रवाई!

कोर्ट ने कहा, "पुलिस को किसी भी चीज से डरने की जरूरत नहीं है। बेतरतीब स्टिकर के इस्तेमाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी कई आदेश दिए गए हैं। उचित कार्रवाई करें, डरें नहीं।"

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Ankita Kumari Jaiswara
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस को निजी वाहनों पर 'एडवोकेट' स्टिकर के दुरुपयोग के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर महादेवन और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक की पीठ एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि वकील यातायात अपराधों आदि से छूट पाने के लिए अपने निजी वाहनों पर 'एडवोकेट स्टिकर' का दुरुपयोग कर रहे थे।

कोर्ट ने कहा, "पुलिस को किसी भी चीज से डरने की जरूरत नहीं है। बेतरतीब स्टिकर के इस्तेमाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी कई आदेश दिए गए हैं। उचित कार्रवाई करें, डरें नहीं।" जनहित याचिका में कहा गया कि यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले में डराने-धमकाने और पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए स्टिकर का इस्तेमाल गैरकानूनी है।