"एक राष्ट्र, एक चुनाव" का नारा भारतीय संसदीय लोकतंत्र की विविधतापूर्ण प्रकृति को तोड़ेगा!

 केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर अपना मुंह खोला। उन्होंने कहा कि "एक राष्ट्र, एक चुनाव" की अवधारणा एक छिपा हुआ एजेंडा है जिसका उद्देश्य भारत के संघीय ढांचे को कमजोर करना और केंद्र सरकार को पूर्ण शक्ति देना है।

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Jagganath Mondal
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स्टाफ रिपोटर,एएनएम न्यूज़ : केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर अपना मुंह खोला। उन्होंने कहा कि "एक राष्ट्र, एक चुनाव" की अवधारणा एक छिपा हुआ एजेंडा है जिसका उद्देश्य भारत के संघीय ढांचे को कमजोर करना और केंद्र सरकार को पूर्ण शक्ति देना है।News on AIR

ऐसा लगता है कि भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में मिले झटके से कुछ नहीं सीखा है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सरकार के मौजूदा कार्यकाल में एकल चुनाव योजना लागू करने की घोषणा के कुछ देर बाद ही केंद्र सरकार ने रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ परिवार भारत की चुनावी राजनीति को राष्ट्रपति प्रणाली की ओर मोड़ने का गुप्त प्रयास कर रहा है। "एक राष्ट्र, एक चुनाव" का नारा भारतीय संसदीय लोकतंत्र की विविध प्रकृति को तोड़ने के लिए गढ़ा गया था। भारत में हर राज्य की अपनी अलग स्थिति और पृष्ठभूमि है। इन मतभेदों को नजरअंदाज करने और राज्यों में उत्पन्न होने वाले राजनीतिक मुद्दों पर विचार किए बिना यंत्रवत् चुनाव कराने से या तो जबरदस्ती केंद्रीय शासन आएगा या लोगों के जनादेश को कमजोर कर दिया जाएगा, अंततः लोकतंत्र को नष्ट कर दिया जाएगा। भारत की संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था और भारत की अपनी अवधारणा को नष्ट करने के संघ परिवार के प्रयासों के खिलाफ देश के लोकतांत्रिक समुदाय को खड़ा होना होगा।