इन मासूमों को बचाओ, ये बेसहारा हैं।'

एलेक्जेंड्रा गाडे (Alexandra Gade) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (social media account) पर लिखा, वे नशे में थे और उनके चेहरे पर कई चोटें थीं, बच्चों के कानों में रूई भरी हुई थी और कई बच्चों के शरीर पर कोई कपड़े नहीं थे।

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Sneha Singh
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Save these innocents

एएनएम न्यूज, ब्यूरो: ये बच्चे कौन हैं? ये लोग हैं कौन? वे इन बच्चों के साथ क्या कर रहे हैं? एक जिम्मेदार नागरिक ने उन्हें महानगर के बीच राइटर्स बिल्डिंग (Writers Building) के ठीक बगल में नेताजी सुभाष रोड (Netaji Subhash Road) पर बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स के सामने सोते और बिना मतलब के घूमते हुए देखा। एलेक्जेंड्रा गाडे (Alexandra Gade) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट (social media account) पर लिखा, वे नशे में थे और उनके चेहरे पर कई चोटें थीं, बच्चों के कानों में रूई भरी हुई थी और कई बच्चों के शरीर पर कोई कपड़े नहीं थे और उनमें से एक बच्चा कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था।'' गाडे ने मदद के लिए यह कहते हुए गुहार लगाई कि उन्होंने पुलिस से संपर्क करने की कोशिश की थी। एएनएम न्यूज के सूत्रों की माने तो ये बदमाश एक समय मानव तस्करी का रैकेट चला रहे थे, जहां पैसे के लिए बच्चों को फटे कपड़े और बेहोशी की हालत में सड़कों पर छोड़ दिया जाता था।