मणिपुर संकट: सुगनू में आमने-सामने सुरक्षा बल

इस घटना ने इस तथ्य को उजागर कर दिया है कि मणिपुर सरकार का उनके पुलिस बल पर पूर्ण नियंत्रण नहीं है, जो सामुदायिक आधार पर विभाजित है। सुगनू दो समुदायों कुकी और मेइती के बीच हिंसा का खामियाजा भुगत रहा है।

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Sneha Singh
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Manipur crisis

एएनएम न्यूज, ब्यूरो: सोशल मीडिया में वायरल वीडियो के अनुसार असम राइफल्स के जवानों का मणिपुर (Manipur) पुलिस के साथ संकटग्रस्त काकचिंग जिले के सुगनू पुलिस स्टेशन (Suganu Police Station) के सामने सामना हुआ। एएनएम न्यूज वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता, लेकिन स्थानीय रिपोर्ट की माने तो दोनों के बीच तनाव शुरू हो गया है। इस घटना ने इस तथ्य को उजागर कर दिया है कि मणिपुर सरकार का उनके पुलिस बल पर पूर्ण नियंत्रण नहीं है, जो सामुदायिक आधार पर विभाजित है। सुगनू दो समुदायों कुकी और मेइती के बीच हिंसा का खामियाजा भुगत रहा है। बिशनपुर, चुराचंदपुर और चंदेल की पहाड़ियों की सीमा में कुकी, ज़ो और नागा जनजातियों का वर्चस्व है, जबकि एक हिस्से में मैतेई आबादी है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि एन बीरेन सिंह सरकार ने स्थिति को इस हद तक बिगड़ने दिया है कि यह नियंत्रण से बाहर हो गई है। ''अगर केंद्र सरकार (Central government) मणिपुर में शांति चाहती है तो वे राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाते?'' वे एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) को मुख्यमंत्री पद से क्यों नहीं हटा रहे हैं? ,'' स्थानीय निवासियों ने एएनएम न्यूज के प्रतिनिधियों से सवाल किया। युद्धरत समुदायों के लोगों और यहां तक ​​कि मैतेई लोगों के एक बड़े वर्ग ने भी बीरेन सिंह को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। एक स्थानीय निवासी निकेश ने कहा, ''विश्वास बहाली की तत्काल आवश्यकता है।''