सीमा पर बढ़ाई जा रही है सुरक्षा!

उत्तर बंगाल के 8 जिलों के अंतर्गत लगभग 1937 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के पास है। लेकिन हाल ही में पैदा हुई जटिलताओं को लेकर बीएसएफ आशंकित है। क्या वे सीमा सुरक्षा कायम रख पाएंगे?

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Jagganath Mondal
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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : सिलीगुड़ी सीमा कितनी सुरक्षित है? इस पर इस बार बीएसएफ ने प्रशासनिक बैठक की। बीएसएफ की 60वीं फ्रंटियर बटालियन में आयोजित मीडिया कॉन्फ्रेंस में आईजी सूर्यकांत शर्मा ने अपनी बात रखी। इस दिन उनके साथ बीएसएफ के डीआईजी कुलदीप सिंह, डीआईजी ऑपरेशन संजय शर्मा, डीआईडी ​​संजय पंत और अन्य मौजूद थे। संयोग से बांग्लादेश की धरती उत्तर बंगाल के कई जिलों की सीमा से लगती है। बांग्लादेश में अस्थिर हालात में भारतीयों पर हमले जारी हैं। खास तौर पर अल्पसंख्यक समुदायों पर अमानवीय अत्याचार किए जा रहे हैं। उत्तर बंगाल के 8 जिलों के अंतर्गत लगभग 1937 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ के पास है। लेकिन हाल ही में पैदा हुई जटिलताओं को लेकर बीएसएफ आशंकित है। क्या वे सीमा सुरक्षा कायम रख पाएंगे?

अतिरिक्त जवानों की तैनाती की जाएगी और थर्मल कैमरे, नाइट विजन कैमरे और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी बढ़ाई गई है। सीमा पर बायोमेट्रिक मशीनें लगाई गई हैं। संयोग से हसीना सरकार के गिरने के बाद से कई बांग्लादेशी भारत आने की कोशिश कर रहे हैं। सीमा पर दबाव बढ़ा है। 10 प्रतिशत जगहों पर फेंसिंग वायर नहीं है। बीएसएफ अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया है कि बहुत जल्द उन जगहों पर कंटीले तार लगाने की व्यवस्था की जाएगी। क्या उन्हें यह मिलेगा?