भारत में तेजी से घट रही घरेलू गौरैया की आबादी

गौरैया सिर्फ एक चिड़िया नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण का बैरोमीटर है। अगर ये गायब हो रही है तो समझिए कि प्रकृति के साथ कुछ गलत हो रहा है। इनका रहना जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहद जरूरी है

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Jagganath Mondal
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House Sparrow Population

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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: गौरैया सिर्फ एक चिड़िया नहीं बल्कि हमारे पर्यावरण का बैरोमीटर है। अगर ये गायब हो रही है तो समझिए कि प्रकृति के साथ कुछ गलत हो रहा है। इनका रहना जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बेहद जरूरी है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के एक अध्ययन के अनुसार आंध्र प्रदेश में घरेलू गौरैया की आबादी 88 फीसदी तक कम हो गई है। केरल, गुजरात, राजस्थान जैसे राज्यों में यह 20 फीसदी तक कम हो गई है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस के अनुसार पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों, शहरों और यहां तक की ग्रामीण क्षेत्रों में पक्षीविज्ञानियों ने गौरैया की आबादी में बहुत तेजी से गिरावट देखी है।