लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर हाईकोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस सिद्धार्थ की अदालत ने कहा कि घड़ी घड़ी बॉयफ्रेंड (boyfriend) बदलने की चाहत को किसी स्थाई और स्वस्थ समाज के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता। 

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Sneha Singh
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने लिव इन मामले में सुनवाई कर रही याचिका पर तल्ख टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि जिस तरह से विवाह के जरिए सुरक्षा और स्थायित्व का भरोसा मिलता है उसे लिव इन के जरिए नहीं हासिल किया जा सकता। हमें यह सोचना होगा कि इस व्यवस्था से किस तरह का नुकसान हो रहा है। जस्टिस सिद्धार्थ की अदालत ने कहा कि घड़ी घड़ी बॉयफ्रेंड (boyfriend) बदलने की चाहत को किसी स्थाई और स्वस्थ समाज के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता।