जांच के दायरे में दर्द, खांसी, बुखार और सर्दी की दवाएं

आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दर्द, खांसी और सर्दी की तीन दवाएं जांच के दायरे में हैं। केंद्रीय दवा नियामक ने इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों से इनका असर और सुरक्षा जांचने के वास्ते नए सिरे से ट्रायल करने को कहा है।

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Ankita Kumari Jaiswara
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MEDICINE

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दर्द, खांसी और सर्दी की तीन दवाएं जांच के दायरे में हैं। केंद्रीय दवा नियामक ने इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों से इनका असर और सुरक्षा जांचने के वास्ते नए सिरे से ट्रायल करने को कहा है। ये वो दवाएं हैं जिन्हें अक्सर सर्दी और खांसी के समय दिया जाता है। इसके अलावा, निश्चित खुराक संयोजन (एफडीसी) में उपलब्ध एक दर्द निवारक दवा भी जांच के घेरे में है। ये दवा पिछले 30 साल से अधिक समय से बेची जा रही है। ये दवा पिछले 30 साल से अधिक समय से बेची जा रही है। एक सिंगल डोज देने के लिए दो या उससे अधिक दवाओं को मिलाकर देने को एफडीसी कहा जाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, खांसी और सर्दी की जिन दवाओं का सुरक्षा आकलन करने के लिए नए सिरे से ट्रायल का सुझाव दिया गया है उनमें में से एक में पैरासिटामोल (एंटीपायरेटिक), फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड (नाक संबंधी सर्दी-खांसी की दवा) और कैफीन एनहाइड्रस (प्रोसेस्ड कैफीन) युक्त दवाएं शामिल हैं। दूसरी दवा में कैफीन एनहाइड्रस, पैरासिटामोल, हाइड्रोक्लोराइड (नमक) और क्लोरफेनिरामाइन मैलेट (एंटी-एलर्जी दवा) शामिल हैं।