स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: प्रधानमंत्री के पूर्व प्रिसिंपल सेक्रेटरी नृपेन्द्र मिश्र (Secretary Nripendra Mishra) ने बताया कि पीएम मोदी (PM Modi) की सोच शुरुआत से ही थी कि 2000 रुपये के नोट विशेष परिस्थितियों में एक अस्थायी व्यवस्था थी। विशेष रूप से गरीबों के लिए लेन-देन के लिए व्यावहारिक नहीं है। एक लंबे अरसे तक इस नोट (note) को चलन में रखने से काले धन (black money) को प्रोत्साहन मिलता, करों में चोरी को प्रलोभन मिलता। इसलिए 2,000 रुपये का नोट चलन से बाहर करने का फैसला जनहित और देशहित में है।