पेरिस ओलिंपिक पर आतंक का साया

155 लोगों को ‘बहुत खतरनाक’ और आतंकवादी स्तर खतरा माना जाता है। उन्हें उद्घाटन समारोह और खेलों से भी दूर रखा जा रहा है, पुलिस कुछ मामलों में हथियारों और उनके घरों तथा कम्प्यूटरों की तलाशी ले रही है।

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Jagganath Mondal
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एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह कहे जाने वाली फ्रांस की राजधानी पेरिस में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए पुलिस के साथ सेना और आर्टिफीसियल इंटेलेजन्स की मदद ली जा रही है। पेरिस के चप्पे-चप्पे में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं वही आसमान में लड़ाकू जेट विमान गश्त लगा रहे और सेना को आधे घंटे में खेल स्थल या खेल गांव में पहुंचे के लिए तैयार किया गया है।  

26 जुलाई से 11 अगस्त तक दुनिया भर के लगभग 10,500 खिलाड़ियों के साथ लाखों की संख्या में यहां आने वाले प्रशंसकों की सुरक्षा की सबसे बड़ी चुनौती होगी। इन खेलों पर साइबर हमलों का भी खतरा है। पेरिस खेलों के लिए 45,000 पुलिस के साथ लगभग 10,000 सेना के जवानों को तैनात किया गया है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पेरिस में सबसे बड़ा सैन्य शिविर है। ओलंपिक के लिए फ्रांस आ रहे पर्यटकों की भी पूरी तफ्तीश की जा रही है। गृहमंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा,'हम विशेष रूप से रूसी और बेलारूसी नागरिकों की गहन जांच कर रहे हैं। 155 लोगों को ‘बहुत खतरनाक’ और आतंकवादी स्तर खतरा माना जाता है। उन्हें उद्घाटन समारोह और खेलों से भी दूर रखा जा रहा है, पुलिस कुछ मामलों में हथियारों और उनके घरों तथा कम्प्यूटरों की तलाशी ले रही है। इस मामले में फ्रांस को 40 से अधिक देशों से भी मदद मिल रही है, जिसने 1900 से अधिक पुलिस बल भेजे हैं।