भद्रा काल में क्यों नहीं बांधी जाती राखी?

पौराणिक कथा के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्य नारायण (Lord Surya Narayan) और पत्नी छाया की कन्या व भगवान शनि की बहन है और भद्रा का स्वभाव भी शनि की तरह है। इसके अलावा भद्रा में राखी न बंधवाने के पीछे एक कथा प्रचलित है।

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Sneha Singh
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Bhadra period

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: रक्षाबंधन पर्व (Rakshabandhan festival) को भाई-बहन के प्रेम और सदभाव के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्रा का साया रहने के कारण 30 और 31 अगस्त दो दिन मनाई जाएगी। पौराणिक कथा के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्य नारायण (Lord Surya Narayan) और पत्नी छाया की कन्या व भगवान शनि की बहन है और भद्रा का स्वभाव भी शनि की तरह है। इसके अलावा भद्रा में राखी न बंधवाने के पीछे एक कथा प्रचलित है। माना जाता है कि लंकापति राजा रावण (Lankapati King Ravana) ने अपनी बहन शूर्पणखा से भद्रा काल के समय ही राखी बंधवाई थी। भद्राकाल (Bhadrakal) में राखी बांधने के कारण ही रावण का सर्वनाश हुआ था। इसी मान्यता के आधार पर जब भी भद्राकाल होता है तो उस समय बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांधती है।