स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में रामलला को विराजमान कराया जाएगा। आज हम आपको बताएंगे अयोध्या केस में कब-कब और क्या-क्या हुआ, कहां से शुरू हुई इसकी कहानी।
1528-1529: मुगल बादशाह बाबर ने बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया।
1850: जमीन को लेकर सांप्रदायिक हिंसा की शुरुआत हुई।
1949: मस्जिद के अंदर राम की मूर्ति मिली, सांप्रदायिक तनाव तेज हुआ।
1950: मूर्ति पूजा की अनुमति के लिए फैजाबाद सिविल कोर्ट में दो मुकदमे दायर किए गए।
1961: यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मूर्ति को हटाने की मांग की।
1986: जिला अदालत ने हिंदू उपासकों के लिए स्थल खोला।
1992: 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को गिराया गया।
2010: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित क्षेत्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया।
2011: उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई।
2016: सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, राम मंदिर के निर्माण की मांग की।
2019: सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि थी, पूरी 2.77 एकड़ विवादित भूमि ट्रस्ट को सौंप दी और सरकार को वैकल्पिक स्थल के रूप में सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया।
2020: पीएम मोदी ने भूमि पूजन किया और शिलान्यास किया।
2024: अयोध्या में तैयार हुआ भव्य राम मंदिर में कई मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।