अहिंसक आंदोलन
यह आंदोलन विदेशी वस्त्रों को रद्द कर स्थानीय वस्त्रों को लागू करने के नाम पर था। देश खादी वस्त्रों के मामले में आत्मनिर्भर बने, इसी उद्देश्य से गांधीजी के नेतृत्व में अहिंसक आंदोलन शुरू हुआ। उस समय कई लोग इस आंदोलन से जुड़े और हंसते-हंसते मर गए, लेकिन अंत में जीत भारत की हुई। देशी पोशाक जीत गई।