स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : तुलसी विवाह घर या मंदिर में मनाया जा सकता है। इस दिन शाम तक या तुलसीजी का विवाह होने तक व्रत रखा जाता है। सबसे पहले तुलसी के पौधे और भगवान विष्णु की मूर्ति को स्नान कराया जाता है। फिर तुलसी के पौधे को लाल साड़ी या चुनरी, आभूषण और बिंदी आदि से दुल्हन की तरह सजाया जाता है। भगवान विष्णु की मूर्ति को धोती पहनाया जाता है। अब दोनों को धागे की मदद से एक साथ बांध दिया जाता है। फिर विवाह में तुलसीजी और भगवान विष्णु पर सिन्दूर और चावल बरसाए जाते हैं। इसके बाद सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है। इस दिन अपने घर में सत्यनारायण का यज्ञ और कथा का आयोजन करने से विशेष लाभ मिलता है।