2024 Narasimha Jayanti: आ रही है नरसिंह चतुर्दशी, जानिए विष्णु के चौथे अवतार के समय, रीति-रिवाज और पौराणिक कथाएं? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने अधर्म का नाश करने और धर्म की स्थापना के लिए कई अवतार लिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के 12 अवतारों में से नरसिंह छठें अवतार हैं। भगवान नरसिंह शक्ति और पराक्रम के देवता हैं।

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Ankita Kumari Jaiswara
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Narsimha Jayanti

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु ने अधर्म का नाश करने और धर्म की स्थापना के लिए कई अवतार लिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के 12 अवतारों में से नरसिंह छठें अवतार हैं। भगवान नरसिंह शक्ति और पराक्रम के देवता हैं। भगवान नरसिंह अधर्म और अत्याचार करने वालों को कड़ी सजा देते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, वैशाख माह के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए आधा मनुष्य और आधे शेर का शरीर धारण किया और राक्षस राजा हिरण्यकशिपु का वध किया। इसलिए इस दिन नरसिंह जयंती (2024 Narasimha Jayanti) मनाई जाती है।

बिष्णु पुराण के अनुसार, ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी दिति के दो बच्चे थे। वे हिरण्यकशिपु और हिरण्याक्ष हैं। दोनों भाइयों ने भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या शुरू कर दी। उन्हें ब्रह्मा की शरण भी प्राप्त हुई। विधाता ने वरदान दिया कि दोनों भाइयों को किसी भी ध्वनि या राक्षस, हथियार, रात या दिन, पृथ्वी या शून्य द्वारा नहीं मारा जा सकता है। यह वरदान पाकर दोनों भाई अत्याचारी बन गये। चूंकि हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद विष्णु भक्त था, इसलिए उसने उसे मारने की भी कोशिश की। विश्व में शांति स्थापित करने के लिए विष्णु ने बराह अवतार धारण किया और हिरण्याक्ष का वध किया। इसके बाद विष्णु नरसिंह अवतार में प्रकट हुए और हिरण्यकशिपु का वध कर दिया। तभी से नरसिंह चतुर्दशी या नरसिंह जयंती मनाई जाती है। 

इस वर्ष नरसिंह चतुर्दशी कब है?
अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से इस साल नरसिंह जयंती 21 मई, 2024 को पड़ रही है। 21 मई को मंगलवार होने से इस साल की जयंती को साहस, आत्मविश्वास, वीरता और निष्ठा में वृद्धि करने वाला बताया जा रहा है।

नरसिंह चतुर्दशी क्यों मनाई जानी चाहिए?
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, यदि आप नरसिंह जयंती का व्रत करते हैं, तो आपको जीवन में उलझनों, समस्याओं से छुटकारा मिलेगा और सफलता मिलेगी। विभिन्न गतिरोधों को तोड़कर जीवन में शांति लौट आती है। कई लोग देवी लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं। नरसिंह देव के आशीर्वाद से सभी बाधाओं और खतरों को दूर किया जा सकता है और जीवन को और अधिक सुंदर और आसान बनाया जा सकता है।

नरसिंह जयंती पर पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, नरसिंह जयंती पर भगवान नरसिंह की पूजा का शुभ मुहूर्त 21 मई की शाम के समय 4 बजकर 24 मिनट से लेकर 7 बजकर 9 मिनट तक है। इसलिए इस वर्ष उनके भक्तों को उनकी पूजा के लिए 02 घंटे 44 मिनट की अवधि का शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है।

नरसिंह जयंती व्रत पारण समय
नरसिंह जयंती पर भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा करने और व्रत रखने का विधान है। इस बार नरसिंह जयंती पर व्रत के पारण का समय 22 मई दिन बुधवार की सुबह के समय सूर्योदय के बाद कर सकते हैं। ध्यान रखें कि इस दिन आपको व्रत पारण दोपहर में 12 बजकर 18 मिनट से पहले ही करना है।