एएनएम न्यूज, ब्यूरो : देवों के देव महादेव का प्रिय महीना सावन अब समाप्त होने वाला है। इस साल सावन माह (Sawan 2023) 4 जुलाई से शुरू हुआ और 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। अधिक मास के चलते इस बार सावन दो माह का था, इसलिए इस माह में 8 सोमवार का संयोग भी बना था। महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों के पास सिर्फ एक सोमवार बचा हुआ है। आइए जानते हैं सावन के आखिरी सोमवार पर पूजा विधि (Sawan Last Somwar Vrat 2023) के बारे में।
आखिरी सोमवार मुहूर्त : सावन के आखिरी सोमवार (Last Somwar) पर सावन पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण होगा। साथ ही इसी दिन सोम प्रदोष व्रत का संयोग भी बन रहा है। पंचांग के अनुसार आखिरी सोमवार यानी 28 अगस्त को शाम 06 बजकर 22 मिनट तक सावन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि की शुरुआत हो जाएगी। इस दिन सुबह पूजा का मुहूर्त 09 बजकर 09 से दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक है। इसके बाद प्रदोष काल में पूजा का मुहूर्त शाम 06 बजकर 48 मिनट से रात 09 बजकर 02 तक है। ऐसे में आप सुबह सावन सोमवार व्रत की पूजा के साथ ही शाम को प्रदोष व्रत की पूजा भी कर सकते हैं।
आखिरी सोमवार पर ऐसे करें देवों के देव (the Lord of all Gods) का पूजा : सावन के आखिरी सोमवार पर सुबह स्नान के बाद व्रत और शिवजी (God Mahadev) की पूजा का संकल्प लें। सुबह शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर में जाकर या घर ही शिवलिंग की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करें। फिर गंगाजल या दूध से शिवजी का अभिषेक करें। इसके बाद भगवान शिव शम्भू को को चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग की पत्तियां, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला साथ ही शहद, फल, मिठाई अर्पित करें। फिर शिव चालीसा का पाठ और सोमवार व्रत कथा का पाठ करें। आखिर में शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भोलेनाथ की आरती करें।