एएनएम न्यूज, ब्यूरो : स्कूली पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) और डेटा साइंस (Data Science)? केंद्रीय विद्यालयों ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विद्यालयों पर दो साल पहले ही इसे लागू कर चुके हैं। क्या छात्र (Student) तैयार हैं? क्या हम एक्सलरेटर पर कुछ ज्यादा ही तेजी से पैर नहीं रख रहे हैं? अनीश सेन कोलकाता के एक प्रमुख सीबीएसई स्कूल में ग्यारहवीं कक्षा का छात्र ने कहा "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस बहुत दिलचस्प लगता है, लेकिन हम में से कई लोग कोडिंग के इस स्तर के लिए तैयार नहीं हैं,"। एएनएम न्यूज ने अन्य स्कूलों के कुछ छात्रों से बात की और सभी अनीश से सहमत दिखे। ''दिलचस्प, लेकिन क्या यह सही दिशा में उठाया गया कदम है?'' शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की मिली-जुली राय है। ``मैं यह नहीं कहूंगा कि छात्रों ने पिछले दो वर्षों में एआई और डेटा साइंस के लिए भारी दौड़ लगाई है। ये शुरुआती दिन हैं और हम एआई और डेटा साइंस में छात्रों के बीच 50 प्रतिशत का रुचि स्तर देखते हैं।'' भवन के गंगाबक्स कनोरिया विद्यामंदिर के प्रिंसिपल अरुण दासगुप्ता ने कहा। शिक्षकों और माता-पिता ने प्रारंभिक स्तर पर छात्रों को परामर्श देने और बच्चे की दक्षता के आधार पर कैरियर आधारित शिक्षा शुरू करने की दृढ़ता से पुष्टि की।