एएनएम न्यूज, ब्यूरो : गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की कथित करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) की जमानत याचिका को एक अदालत ने खारिज कर दी। मुखर्जी पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (money laundering act) के तहत आरोप लगाए गए हैं। विशेष (CBI) अदालत ने बुधवार को कहा कि आरोपी के बयान से यह स्पष्ट है कि उसने अपने अपार्टमेंट में मिले पैसों और गहनों के स्रोत का खुलासा नहीं किया था। यह बात हजम करना बहुत मुश्किल है कि याचिकाकर्ता ने केवल पार्थ चटर्जी के राजनीतिक प्रभाव के तहत काम किया.... आरोपी पार्थ चटर्जी के साथ इस याचिकाकर्ता के संबंध का पता पार्थ चटर्जी के राज्य में मंत्री बनने से बहुत पहले से लगाया जा सकता है। सोमवार को मुखर्जी के वकील ने दावा किया था कि उनके फ्लैट से बरामद सारा पैसा और आभूषण चटर्जी के हैं। ईडी (ED) के वकील अभिजीत भद्र ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने जमानत याचिका का विरोध किया क्योंकि मुखर्जी मनी लॉन्ड्रिंग में पूरी तरह से शामिल थे और अपराध की आय से लाभान्वित हुए थे। अदालत ने कहा कि उपलब्ध सामग्री से यह स्पष्ट था कि मुखर्जी "अपराध की आय से जुड़ी गतिविधि में शामिल होने के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रयास में शामिल थे ..."।