जंगलमहल में राजनीति का 'काला निशान'! चुप है प्रशासन... (Video)
हाल ही में बर्दवान दुर्गापुर सीट का लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ है। तीनों राजनीतिक दल मैदान छोड़ने को राजी नहीं थे। हालांकि प्रत्याशी तो नजर नहीं आये, लेकिन कांकसा के जंगलमहल के जंगल के कोने-कोने में पार्टी के झंडे-बैनर दिखे।
टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : लोगो के लिए, समाज के लिए लड़ाई लड़ते-लड़ते पर्यावरण के ख़िलाफ़ जा रही है राजनीति की लड़ाई। कीलें ठोक कर लगा दी गई है तृणमूल, बीजेपी और सीपीएम के पार्टी झंडें और पार्टी के बैनर। ऐसी राजनीति का 'काला निशान' कांकसा के जंगल महल में देखने को मिला।
हाल ही में बर्दवान दुर्गापुर सीट का लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ है। तीनों राजनीतिक दल मैदान छोड़ने को राजी नहीं थे। हालांकि प्रत्याशी तो नजर नहीं आये, लेकिन कांकसा के जंगलमहल के जंगल के कोने-कोने में पार्टी के झंडे-बैनर दिखे। कोई पेड़ पर कीलें ठोक कर तृणमूल का झंडा तो कोई पेड़ पर दिलीप घोष का बैनर टांग दिया गया। सीपीएम ने भी यही तरीका अपनाया है। चुनाव ख़त्म हो चुका है और अब राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को नतीजों का इंतज़ार है। ऐसे में पेड़ों पर राजनीतिक झंडे कीले ठोक कर लगा हुआ है, पर भी कोई देखने वाला नहीं है। कांकसा के पर्यावरणविद् प्रकाश दास ने कहा, "पर्यावरण नियमों का उल्लंघन हो रहा है। लोगों के लिए लड़ते-लड़ते पर्यावरण के खिलाफ लड़ाई हो रही है। इस तरह अगर दिन-ब-दिन कीलें ठोंकी जाएंगी तो जंगल विनाश की राह पर चला जाएगा।"