एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : 5 जनवरी को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में एजेंसी और सीएपीएफ अधिकारियों पर हुए हमले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच के लिए ईडी की याचिका पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर ली।
सूत्रों के मुताबिक न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता बुधवार को आदेश पारित करेंगे। हालांकि, उन्होंने मंगलवार को इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस को दो अहम निर्देश दिए। पहला, मामले में स्थानीय नज़ात पुलिस स्टेशन में दर्ज सभी एफआईआर बुधवार को जमा करने को और दूसरा, TMC नेता और हमले के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख के आवास के सामने तत्काल सीसीटीवी लगाने को निर्देश दिए। जस्टिस सेनगुप्ता ने कहा कि पुलिस को मामले में दर्ज एफआईआर में धारा 307 (हत्या के प्रयास के लिए सजा) शामिल करनी चाहिए थी।साथ ही उन्होंने पूछा कि , “इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। क्या अदालत पुलिस को निर्देश देगी कि कैसे जांच की जाए।”
इधर ईडी के वकील ने इस बात पर संदेह जताया कि राज्य पुलिस इस मामले में कितनी निष्पक्ष जांच कर पाएगी और जांच को सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने पर जोर दिया। राज्य सरकार के वकील ने उस तर्क का विरोध करते हुए तर्क दिया कि जब राज्य पुलिस ने मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद पहले ही जांच शुरू कर दी है, तो किसी अन्य एजेंसी से जांच की मांग करने का कोई औचित्य नहीं है। जानकारी के मुताबिक इस पर पलटवार करते हुए ईडी के वकील ने कहा कि जब उसके अधिकारियों और सीएपीएफ कर्मियों पर हमला हो रहा था तो राज्य पुलिस के जवान घटनास्थल के आसपास भी नहीं थे। हमारे अधिकारियों के वहां से जाने के काफी देर बाद पुलिस मौके पर पहुंची। क्या इसे हमारे अधिकारियों को बचाने का प्रयास कहा जा सकता है?