स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय के आदेश के अनुसार क्या 15 साल से अधिक अवधि समाप्त हो चुकी बसों को सड़क पर चलने दिया जा सकता है? यह निर्णय बस मालिकों को क्यों नहीं? कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अब परिवहन विभाग को इस मामले पर विचार करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय ने परिवहन विभाग के प्रधान सचिव को 4 सप्ताह के भीतर अधिसूचना की समीक्षा करने का निर्देश दिया है।
विभिन्न शहरी और उपनगरीय मार्गों पर हजारों की संख्या में बसें 15 साल बाद समाप्त होने वाली हैं। इस स्थिति में राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय के आदेश के बाद बस मालिकों ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर एक मामले में न्यायमूर्ति राय चट्टोपाध्याय ने राज्य के मुख्य सचिव को अगले 4 सप्ताह के भीतर राज्य द्वारा जारी अधिसूचना की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने बस अवधि समाप्त होने से पहले राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है।
बताया जाता है कि परिवहन विभाग ने 15 साल की अवधि समाप्त हो चुकी बसों को नहीं चलाने की अधिसूचना जारी की है। बैठक के बाद निजी बस मालिकों के संघ ने फैसला किया कि वे इस फैसले के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। 50 से अधिक मार्गों के मालिकों ने एक साथ उच्च न्यायालय में फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर की। कोविड-19 की स्थिति के कारण, कई निजी बस मालिक बसें नहीं चला सके।