एएनएम न्यूज, ब्यूरो: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State Pollution Control Board) एक ऐसी तकनीक पर काम कर रहा है, जो पश्चिम बंगाल (West Bengal) से होकर गुजरने वाले हिस्से के लिए नदी को साफ करेगी। स्वच्छ गंगा (ganga) कार्यक्रम पहले से ही प्राथमिकता पांच पैमाने पर है, जिसका प्रभावी अर्थ है कि यह राज्य के एजेंडे में सबसे ऊपर है। संयोग से भारत की जीवन रेखा मानी जाने वाली नदी की सफाई के लिए कई एजेंसियां काम कर रही हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के करीबी सूत्रों के मुताबिक, सदस्य सचिव डॉ. राजेश कुमार (Dr. Rajesh Kumar) गंगा की सफाई की प्रगति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं। परियोजना से जुड़े लोगों ने संकेत दिया कि पश्चिम बंगाल में गंगा नदी के कुछ हिस्सों की सफाई एक साल के भीतर पूरी होने की उम्मीद है।