एएनएम न्यूज़, ब्यूरो : पश्चिम बंगाल के वित्त पर RBI के हालिया निष्कर्षों के अनुसार, राज्य के स्वयं के राजस्व या सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) प्रतिशत के मामले में राज्य राष्ट्रीय औसत से पीछे है। जानकारी के मुताबिक आरबीआई के निष्कर्षों के अनुसार, राज्य के स्वयं के कर राजस्व और गैर-कर राजस्व दोनों के मामले में पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय औसत से पीछे है। निष्कर्षों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के जीएसडीपी में राज्य के गैर-कर राजस्व का प्रतिशत केवल 0.4 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत 1.2 प्रतिशत से कम है।
सूत्रों के मुताबिक अर्थशास्त्रियों का मानना है कि पश्चिम बंगाल सरकार की “उद्योग के लिए भूमि खरीद में राज्य की कोई भूमिका नहीं” नीति के कारण विनिर्माण क्षेत्र के संचालक राज्य में निवेश करने से विमुख हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल में खंडित भूमि-धारण प्रकृति को ध्यान में रखते हुए किसी परियोजना के लिए एक बार में विशाल भूखंडों की आवश्यकता वाले निवेशकों के लिए राज्य के किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप के बिना भूमि खरीद के उद्देश्य से व्यक्तिगत भूमि-मालिकों के साथ बातचीत करना लगभग असंभव है। इसी तरह, अर्थशास्त्रियों का कहना है कि राज्य में नए एसईजेड का दर्जा देने में पश्चिम बंगाल सरकार की अनिच्छा है, जिसके कारण सेवा क्षेत्र में बड़े निवेशक निवेश से कतरा रहे हैं।