स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : कहले बा लोग कि भाषा संपर्क तब होला जब दू गो भा दू गो से अधिका भाषा या किसिम के बोले वाला लोग एक- दूसरा के साथे लगातार संपर्क में रहता, निकट रहता, सहज बातचीत करता त एक भाषा के शब्द दोसरका भाषा में अनायास चलि आई।
अब आईं देखल जाउ कि अउरी कौन- कौन भोजपुरी के शब्द बांग्ला भाषा में हू- ब- हू बाड़े सन। त एगो अउरी शब्द बा “माछी” (मक्खी) त बांग्ला भाषा में भी एकरा के “माछी” कहल जाला। उच्चारण भी हू-ब-हू।
आईं अब आगा बढ़ल जाउ। भोजपुरी में खिड़की के “जांगला” कहल जाला आ बांग्ला में भी हू-ब-हू ईहे कहल जाला। “माटी” के बांग्ला में भी “माटी” कहल जाला आ “गमछा” के बांग्ला में गमछे कहल जाला। मेढक के भोजपुरी में “बेंग” कहल जाला त बांग्ला में भी ऊहे कहल जाला। अउरी कौन- कौन भोजपुरी के शब्द बांग्ला के शब्दन से मेल खाला? त देखीं- “भात, तरकारी, झोल, नून, माछ, मेला, आस्ते (धीरे), बर (दुलहा), चादर, लाठी, दूध, घी, पटल (परवल), आलू, चीनी, तेल, बताशा” वगैरह, वगैरह, वगैरह. ई कुल शब्द भोजपुरी आ बांग्ला में एकही नियर बोलल जाला।