एएनएम न्यूज, ब्यूरो : पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बारे में विवरण जानने के लिए, पहले हमें यह जानना होगा कि पश्चिम बंगाल का नाम कैसे आया (West Bengal Formation)। जहां गंगा समुद्र से मिलती है, वहां गंगारीडी या गंगारिदाई नामक एक प्राचीन सभ्यता थी। यह यूनानियों के लेखन से जाना जाता है। लेकिन बंगला का नाम कैसे आया ? यानी पश्चिम बंगाल का इतिहास अभी तक स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है। बंगाल नाम की उत्पत्ति सूर्य देवता सिंगा बंगा से हुई है, जो दक्षिण भारत की एक जनजाति है, जो अब वर्तमान झारखंड में निवास करती है। दूसरी और आर्यों के लेखन के अनुसार राजा बलि ने इस राज्य की स्थापना की। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में "बंग" नाम का एक प्राचीन शिलालेख पाया गया है। इतिहासकारों का मानना है कि दस्तावेज़ 800 ईस्वी में खुदा हुआ था। 1352 ईस्वी में जब समसुद्दीन इलियास शाह बंगाल के शासक बने, तो उन्होंने शाह-ए-बांग्ला की उपाधि धारण की। बंगाली साहित्य में बार-बार अविभाजित भूमि का बंगाल और बांग्लादेश के रूप में उल्लेख किया गया है। बांग्लादेश का राष्ट्रगान "आमार सोनार बांग्ला आमी तोमाय भालो बासी " में भी इस भूमि को बांग्ला के रूप में संदर्भित किया है। इधर सत्येन्द्रनाथ दत्ता की कविता 'बांग्लादेश' में सम्पूर्ण भूमि को बांग्लादेश और बांग्ला कहा गया है। 1905 में बंगभंग हुई थी, पर वह टिकी नहीं पाया। 1947 में देश के विभाजन के दौरान, पश्चिमी भाग पश्चिम बंगाल बन गया और पूर्वी भाग पूर्वी पाकिस्तान बन गया। 1971 में स्वतंत्र राज्य बांग्लादेश( Bangladesh) बना, पूर्वी पाकिस्तान (East Pakistan) इतिहास बन कर रह गया। पश्चिम बंगाल नाम देश के विभाजन की स्मृति को आज भी बहन कर रही है।1905 के इतिहास के अनुसार बंगाल के एक भाग का नाम रखा गया पश्चिम बांग्ला, अंग्रेजी में वेस्ट बंगाल। यद्यपि राजधानी का नाम अंग्रेजी में कलकत्ता (Calcutta) से बदलकर कोलकाता (Kolkata) कर दिया गया, लेकिन राज्य का नाम नहीं बदला गया।