स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: कहते हैं की श्री कृष्ण और उनके मित्र द्वापर युग में कई लीलाओं के लिए प्रसिद्ध थ। बाल्यकाल में राधा और गोपियों के साथ अनेक लीलाएं करते थे। ऐसे में जब भी वे राधा और गोपियों के साथ होली खेलने जाते थे तो उसने उन्हें काफी तंग भी किया करते थे इसीलिए राधा जी और गोपियां डंडा लेकर श्री कृष्ण और ग्वालों के पीछे दौड़ती थीं। चूंकि उनका स्वागत रंग और डंडों से किया जाता था इसलिए तभी से लट्ठमार होली खेलने की यह परंपरा चली आ रही है।