स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: इतिहासकारों की मानें तो आर्यों के समय में इस त्योहार का प्रचलन था, मगर यह उस दौरान यह केवल भारत में ही मनाया जाता था। बता दें कि इस त्योहार का वर्णन अनेक पुरातन धार्मिक किताबों में भी मिलता है, जिससे पता चलता है कि लंबे समय से हमारी संस्कृति का हिस्सा है। नारद पुराण और भविष्य पुराण में भी इस त्योहार का उल्लेख मिलता है। विंध्य क्षेत्र में रामगढ़ नामक स्थान पर करीब 300 साल पुराने अभिलेख मिले हैं, जिनमें होली में बारे में लिखा गया है। इतना ही नहीं संस्कृत भाषी कवियों ने भी होली का उल्लेख वसंतोत्सव नाम से अपनी कविताओं में बड़ी खूबसूरती से किया है।