स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : देश में खुदरा महंगाई अप्रैल में बढ़कर आठ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। इस दौरान थोक महंगाई भी बढ़कर 17 साल के उच्च स्तर के पहुंच गई। इस साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले आसमान छूती महंगाई मोदी सरकार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गई है। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, महंगाई बढ़ाने में रूस-यूक्रेन युद्ध की सबसे बड़ी भूमिका है। इससे वैश्विक बाजार में न सिर्फ कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतें बढ़ी हैं बल्कि उत्पादन लागत पर भी असर पड़ा है। उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए हम पूरी तरह से महंगाई को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। लगातार बढ़ रही महंगाई पर काबू पाने और उपभोक्ताओं को उत्पादों की आसमान छूती कीमतों से राहत देने के लिए सरकार अतिरिक्त दो लाख करोड़ रुपये खर्च कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक दो सरकारी अधिकारियों ने बताया कि महंगाई के इस दौर में लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में जो कटौती की है, उससे सरकारी खजाने को एक लाख करोड़ रुपये की नुकसान होगी।