स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को संसद को बताया कि भारत द्वारा दी गई वित्तीय सहायता धर्मार्थ दान नहीं है और गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे देश के पास इन ऋणों को चुकाने की योजना होनी चाहिए। 1948 में स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसने द्वीप राष्ट्र में भोजन, दवा, रसोई गैस और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी पैदा कर दी है।