एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की दिल दहलानेवाला हत्या ने भानुमती का पिटारा खोल दिया और उन धर्मनिरपेक्ष व्यक्तियों और संगठनों की मंशा को उजागर कर दिया जो अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए अक्सर सोशल मीडिया और टीवी पर हाय तौबा मचाते है। दो इस्लामिक कट्टरपंथी गौस मोहम्मद और रियाज अख्तरी ने कन्हैया लाल की सिलाई की दुकान में घुसकर उन्हें बेरहमी से कुल्हाड़ी से काट डाला। उन्होंने वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। उन्होंने अपने जघंन्य अपराध के बारे में भी बताया। इस घटना ने राजनीतिक पर्यवेक्षकों का दावा करते हुए कांग्रेस शासन में विखंडू को उजागर कर दिया है कि "इस तरह के कट्टरपंथियों के तुष्टिकरण ने धर्मनिरपेक्षता का मार्ग प्रशस्त किया है।" राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने स्वयं घोषित कार्यकर्ताओं को भी बुलाया और कहा कि उनकी ओर से कोई निंदा या विरोध नहीं किया गया है। जयपुर के अशोक सिंह ने दावा किया कि स्वरा भास्कर, प्रतीक सिन्हा और कई वोट बैंक के नेताओं जैसे वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद जुबैर और तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठाई लेकिन वे इस जघन्य घटना के बाद चुप हैं। उन्होंने कहा, "अगर ऐसा नहीं होता तो पूरा देश आग की लपटों में घिर जाता।"