एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन रक्षा बंधन के दिन रवि योग भी पड़ रहा है। जिसके कारण इस दिन का महत्व बढ़ रहा है। सावन मास की पूर्णिमा को श्रावण पूर्णिमा या कजरी पूनम भी कहा जाता है। राखी के त्योहार में भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है क्योंकि भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्राकाल को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ माना गया है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त- सावन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी, जो कि 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के हिसाब से रक्षा बंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा। अमृत काल शाम 06 बजकर 55 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। राखी बांधने का सबसे उत्तम मुहूर्त सुबह 09 बजकर 28 मिनट से रात 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राखी बंधवाते समय भाई का मुख पूरब दिशा में और बहन का पश्चिम दिशा में होना चाहिए। सबसे पहले बहनें अपने भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं। घी के दीपक से आरती उतारें, उसके बाद मिष्ठान खिलाकर भाई के दाहिने कलाई पर राखी बांधें।