पीतल के बर्तनों के इस्तेमाल को पूजा पाठ में माना जाता है शुभ

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पीतल के बर्तनों के इस्तेमाल को पूजा पाठ में माना जाता है शुभ

एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक पीतल का रंग पीला होता है और पीला रंग भगवान विष्णु समेत सभी देवी-देवताओं को बहुत प्रिय है। यह रंग बलिदान, त्याग और आध्यात्म का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार पीतल के बर्तनों का उपयोग केवल पूजा-पाठ में ही नहीं बल्कि हिंदू धर्म के हरेक संस्कार में जन्म से लेकर मृत्यु तक किया जाता है। फिर चाहे नवजात बच्चे का जन्म, शादी, गोदभराई या अंतिम संस्कार ही क्यों न हो। देवी-देवता देते मनचाहा वरदान मान्यता है कि पूजा-पाठ में पीतल के बर्तन का उपयोग करने से जीवन पर बृहस्पति ग्रह का सुखद प्रभाव पड़ता है और बिगड़े काम पूरे हो जाते हैं। पीतल के बर्तन में पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और जातकों को मनचाहा वरदान देते हैं। पीतल के बर्तन में तुलसी पर जल चढ़ाने से माँ लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों के घर में सुख-समृद्धि भर देती हैं।



वही पूजा-पाठ के दौरान आप भूलकर भी लोहे, एल्युमिनियम या कांच के बर्तनों का इस्तेमाल न करें। साथ ही इन धातुओं से बनी मूर्ति भी पूजा के लिए न रखें। ऐसा करने से आपका देवी-देवता अप्रसन्न हो जाते हैं और आपको कष्ट झेलना पड़ता है।