टोनी आलम, एएनएम न्यूज़ : अमरनाथ यात्रा पर बादल फटने की घटना को देखकर और सामने से भयानक रूप देखकर, 9 दोस्त दुर्गापुर लौट आए। भयानक अनुभव और भय के आभास के साथ 8 लोगों का दल दुर्गापुर लौटा। सुरजीत नंदा नाम का एक दोस्त पैर में गंभीर चोट लगने के बाद कल विमान से दुर्गापुर लौटा।
दुर्गापुर में बी-जोन और सेप्को निवासी मनोरंजन खां, कौशिक मुखर्जी, असीम नंदी, गौतम चटर्जी, तीर्थ मुखर्जी, अभय हीरा, प्रदीप चौधरी, संजीव बरुई और सुरजीत नंदा, एक भयानक अनुभव के साथ लौटे। 3 जुलाई को दुर्गापुर से 9 दोस्तों के साथ अमरनाथ जाने के लिए जम्मु के ट्रेन ली थी। कश्मीर यात्रा के पहले दिन 5 तारीख को यात्री कार रामबन इलाके में उनकी कार भोजन के चपेट में आ गई। सेना की ओर से सभी यात्रियों को बैरक में रखा गया था। 7 तारीख को वह कश्मीर के पहलगांव पहुंचे। फिर 6 तारीख को अमरनाथ यात्रा शुरू की और 7 तारीख को लगातार हो रही बारिश को नजर अंदाज करते हुए जब 9 दोस्तों के अमरनाथ के दर्शन के लिए गुफा के सामने पहुंचे। जैसे ही गुफा के सामने गए तो बादल फटने से बारिश होने लगी। पल भर में यह घटना हुई तो यात्री सहम गए। यात्री इधर उधर भागने लगे। आंखों के सामने लंगरखाना अस्थायी तंबू बह गया। हजारों लोग इधर-उधर भाग रहे थे। इनमें सेना की ओर से भागो भागो की आवाज आ रही थी। 9 दोस्तों का दावा है कि उन्होंने ऐसे में मौत को बेहद करीब से देखा है। इस स्थिति में दोस्त भी बिखर गए। फोन पर बातचीत करना संभव नहीं था। करीब 3 घंटे के बाद दोस्त फिर मिले और उन्हें क्षणिक शांति मिली। सुरजीत नंदा ने कहा कि एक दोस्त पत्थर लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया।
बुधवार को दुर्गापुर लौटे तो उनकी आंखों में दहशत का असर साफ दिखाई दे रहा था। लेकिन परिवार के साथ वापस आकर खुश हैं। हर कोई आने वाले दिनों में फिर से अमरनाथ जाने की उम्मीद कर रहा है और सेना का शुक्रिया अदा किया।