स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़ : सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले याची की याचिका को कोर्ट ने खारिज किया और कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल किसी भी नागरिक के खिलाफ गाली गलौज के लिए नहीं कर सकते। सूत्र के मुताबिक सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट शेयर करने को लेकर जौनपुर के मीरागंज थाने में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार करते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। इलाहबाद हाईकोर्ट ने इस मामले मे कहा कि भारतीय संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की पूरी आजादी देता है पर इस अधिकार का प्रयोग किसी भी नागरिक के खिलाफ गाली - गलौज या अपमानजनक टिप्पणी के लिए नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि देश के प्रधानमंत्री या किसी मंत्री के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने न सिर्फ प्राथमिकी को रद्द करने से मना कर दिया बल्कि मामले को लेकर अधिकारियों को कार्रवाई करने को भी कहा।