एएनएम न्यूज, ब्यूरो : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें डिस्टेंस लर्निंग से सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स करने वालों को एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर प्रमोट किया गया था। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बताया कि जिन छात्रों ने फिजिकली क्लासेस अटेंड नहीं की हैं, उन्हें इंजीनियर नहीं कहा जा सकता है। सूत्रो के मुताबिक जस्टिस अनूपिंदर सिंह ग्रेवाल की बेंच ने कहा कि यह स्वीकार करना मुश्किल है कि डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम के तहत ली गई इंजीनियरिंग की डिग्री, रेगुलर क्लास द्वारा ली गई इंजीनियरिंग की डिग्री के बराबर हो सकती है। इंजीनियरिंग की डिग्री में थ्योरी प्रोग्राम काफी कठिन होता है, जिसके बाद छात्रों को प्रैक्टिल की ट्रेनिंग दी जाती है। जो व्यक्ति फिजिकली क्लास अटेंड नहीं करते हैं, वे प्रैक्टिकल से भी वंचित रहते हैं। ऐसे में उन्हें इंजीनियर कैसे कहा जा सकता है। अगर हम इंजीनियरिंग में इसी तरह से डिस्टेंस लर्निंग डिग्री को स्वीकार करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब एमबीबीएस की डिग्री भी डिस्टेंस लर्निंग के तहत मिलने लगेगी। जिसके घातक परिणाम होंगे।