एएनएम न्यूज़, स्टाफ रिपोर्टर :हिंदी पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्लपक्ष की पंचमी को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन अधिकांश हिंदू घरों में नाग देवताओं की पूजा होती है। लेकिन इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसका उल्लेख शिव पुराण में भी है। हिंदू धर्म शास्त्रों की मानें तो इस दिन जो व्यक्ति नाग देवता की पूजा के साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक करता है, उसके जीवन के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं. यहां तक कि अगर जातक की कुंडली में सर्पदोष होता है तो, वह भी हलका पड़ जाता है। आर्थिक संकट दूर होते हैं, व्यक्ति सपरिवार रोगमुक्त होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नागपंचमी मनाने वालों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें क्या करना है।
नागपंचमी के दिन ये कार्य अवश्य करें
* नागपंचमी के दिन पूजा करते समय शिवजी के निम्नांकित मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए. ओम त्र्यंबकम याजमाहे सुगंधिम पुष्ठी वर्धनम उर्वारुकैमिवा बंधनाथ श्रीमती सुब्रमण्यम
* नागपंचमी के दिन शिवलिंग एवं नाग देवता पर दूध अर्पित करने के लिए पीतल के लोटे का इस्तेमाल करें, और जल अर्पित करने के लिए तांबे के लोटे का प्रयोग करें.
* इस दिन नाग देवताओं की पूजा करें और प्रसाद में दूध से बनी मिठाई, दूध एवं पुष्प अर्पित करना चाहिए.
* भविष्य पुराण के अनुसार नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करते समय निम्न मंत्र का जाप करना आर्थिक एवं सेहत के लिए अच्छा होता है। यह भी पढ़ें : Sawan Shivratri 2022: श्रावण शिवरात्रि के मौके पर सुने ये भोलेनाथ के भक्ति गीत, दिन की होगी भक्तिमय शुरुआत! तन्नो नाग: प्रचोदयात्।। 'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता:।।
* जिनकी कुंडली में राहु-केतु विराजमान हैं, उन्हें इस दिन नाग देवता की पूजा अवश्य करनी चाहिए. इस पूजा से कुंडली के कारण आ रही समस्याओं का निदान होगा.